Wednesday, December 10, 2008

माँ संवेदना है, भावना है, एहसास है ...

कवी ॐ व्यास ने माँ के बारे में बड़े ही अनोखे अंदाज़ में अपनी अभिव्यक्ति दी है-
माँ संवेदना है , भावना है , एहसास है ,
माँ जीवन के फूलों में खुशबू का वास है,
माँ मरुस्थल में नदी या मीठा सा झरना है ,
माँ पूजा की थाली है मंत्रो का जाप है,
माँ आंखों का सिसकता हुआ किनारा है ।
उन्होंने आगे कहा है -
इक-इक सांस अपनी चाहे नजर कर दीजै ,
माँ के दूध का हक़ फिर भी अदा नहीं होता ....!
ब्लॉग का पहला पोस्ट मैं अपनी तीनों माँ को समर्पित करता हूँ । तीनो माँ यानी अपनी माँ , माँ देवी दुर्गा और भारत माता को समर्पित है यह पोस्ट ।

4 comments:

कडुवासच said...

... प्रसंशनीय।

रवीन्द्र प्रभात said...

अच्छी प्रस्तुति ...! चिट्ठा जगत में आपका स्वागत है !

KK Yadav said...

VERY NICE...KEEP IT UP. U MAY CONTRIBUTE TO MAAN!! BLOG ALSO.

KK Yadav said...

...नव वर्ष तुम्हारा स्वागत है. आप सभी को सपरिवार नव-वर्ष पर हार्दिक शुभकामनायें !!
www.kkyadav.blogspot.com पर नव-वर्ष के स्वागत में कुछ भावाभिव्यक्तियाँ हैं, आप भी शरीक हों तो ख़ुशी होगी. नमस्कार !!