कवी ॐ व्यास ने माँ के बारे में बड़े ही अनोखे अंदाज़ में अपनी अभिव्यक्ति दी है-
माँ संवेदना है , भावना है , एहसास है ,
माँ जीवन के फूलों में खुशबू का वास है,
माँ मरुस्थल में नदी या मीठा सा झरना है ,
माँ पूजा की थाली है मंत्रो का जाप है,
माँ आंखों का सिसकता हुआ किनारा है ।
उन्होंने आगे कहा है -
इक-इक सांस अपनी चाहे नजर कर दीजै ,
माँ के दूध का हक़ फिर भी अदा नहीं होता ....!
ब्लॉग का पहला पोस्ट मैं अपनी तीनों माँ को समर्पित करता हूँ । तीनो माँ यानी अपनी माँ , माँ देवी दुर्गा और भारत माता को समर्पित है यह पोस्ट ।